‘स्थापना दिवस’
दिनांक -09 अगस्त 2016
कार्यक्रम
संचालक-अमित ‘मौलिक’
क्र.1
कार्यक्रम आरंभ की घोषणा
मौलिक- हमारे
दिगम्बर जैन सोशल ग्रुप जबलपुर नगर के सभी मित्रों और हमारे खास मेहमानों को जय
जिनेन्द्र, प्रणाम, नमस्कार।
मै अमित मौलिक आज
के इस स्थापना दिवस के कार्यक्रम में आप सब का बहुत बहुत स्वागत, वंदन, अभिनंदन करता हॅूं…..
दोस्तो आज की शाम
बहुत ही खास शाम है, आज का दिन वो खास
दिन है जिस दिन हमारे नगर ग्रुप के विराट परिवार का जन्म हुआ था, गठन हुआ था, सृजन हुआ था । यकीन मानिये आज की खास शाम, खास आपके नाम ही है। मैं इन दो पंक्तियों के माध्यम से आज की इस
खुशनुमा शाम की शुरुआत करना चाहूंगा…
ना गिनकर देता है
न तौलकर देता है,
ईश्वर जब देता है
तो दिल खोलकर देता है।
जी हाँ दोस्तो आज
की इस खूबसूरत शाम के इस खूबसूरत आलम के बारे में तो यही कहा जा सकता है। आज यहाँ
रंगों की बरसात होगी, खुशियों से बात
होगी, आज परियाँ नाचेंगी यहाँ
पर, आज फरिश्ते झूमेंगे यहाँ
पर, आज रिश्तों में बहार
आयेगी, आज अमृत की फुहार आयेगी,
आज आनंद बरसेगा, आज कोई नहीं तरसेगा।
और आज की यह शाम
खास तो सिर्फ आपके नाम है, तो एक बार आप
अपने लिए जोरदार तालियां बजा दीजिये।
मित्रों, कायनात का सबसे खूबसूरत अहसास है किसी चीज का
सृजन होना। जब कोई चीज इस प्रकृति में जन्म लेती है-अस्तित्व में आती है, वह पल सबसे खूबसूरत पल हो जाता है। चाहे नन्ही
कौंपलों के जेरेसाया ताजा-ताजा खिला हुआ खूबसूरत फूल हो या नव पल्लिवित पुष्पों की
महकती हुईं क्यारियां हों। सृजन एवं
रचनात्मकता इस कायनात की सबसे ज्यादा आनंदित करने वाली स्थिति है । हमारा दिगम्बर
जैन सोशल गु्प जबलपुर नगर हमारे सोशल गु्प की राष्ट्रीय फेडरेशन के सुरक्षित एवं
सृजनात्मक क्यारी के मध्य खिला हुआ एक ऐसा फूलों का गुलदस्ता है जो अपनी महक से आज
जबलपुर ही नहीं सारे जहाँ को महकाने के लिए उत्सुक है । स्थापना दिवस के इस खास
मौके पर हमारे गु्प की करिश्माई एवं अलबेली महक से सराबोर इस महोत्सव में आपका
बहुत बहुत स्वागत है।
तो प्रिय मित्रो,
इंतजार की घड़ियाँ अब समाप्त हो गई है, मैं इन पंक्तियों के माध्यम से इस महोत्सव का
आगाज करना चाहता हॅूं कि….
नीले आसमां से
धुंध अब छटने वाली है
खुशनुमा आलम है
फिजा बहकने वाली है
कुछ फरिश्ते,
कुछ परियां आने वाली थीं, सब आ गये हैं
सौगातें भी अब
चंद पलों में बटने ही वाली हैं।
क्र.2 मंगलाचरणः
दोस्तों, प्रत्येक संस्कृति की एक विशेषता होती है।
हमारी जैन संस्कृति में किसी भी शुभ आयोजन के पहले हमारे इष्ट से मंगलकामना की
परंपरा है। आइये आज के इस महोत्सव की शुरूवात के पहले हम अपने ईष्ट से, एवम माँ सरस्वती से मिलकर प्रार्थना करते है कि
हमारे हृदय में कोई शंक न हो, कोई पंक न हो,
कोई द्वंद न हो, कोई दंभ न हो, हे प्रभु, हे माँ , केवल और केवल आपकी वंदना रूपी पवित्र भावना
हमारे उर में हो, हमारे अधरों पर
हो।
मै तो कहूँगा कि…..
दुनिया से बाजी
जीतकर मशहूर हो गये
इतना मुस्कुराये
कि दुख सब दूर हो गये
हम काँच के थे
दुनिया ने हमको फेंक दिया था
महावीर के चरणों
में आये तो कोहिनूर हो गये।
तो चलिये ऐसी ही
मंगल कामना के साथ हम मंगलाचरण का यह क्रम आरंभ करते हैं ।
मैं मंगलाचरण के
प्रतिभागियों को मंच पर बुलाना चाहता हॅूं कि वो आयें और मंगलाचरण का शुभारंभ
करें।
प्रतिभागी
1…………………
2…………………
जोरदार तालियों
के साथ इस ओजमयी मंगलाचरण की पवित्र भावना का अनुमोदन करेंगे। बहुत ही ऊर्जामई
प्रस्तुति। मंगलाचरण के प्रतिभागियों को बहुत बहुत धन्यवाद।
मैं इन पंक्तियों
के माध्यम से मंगलाचरण के इस पवित्र क्रम का समापन करना चाहता हॅूं कि……..
कौन कहता है कि
मेरा ईश्वर प्यार नहीं करता
प्यार तो करता है
मगर प्यार का इजहार नहीं करता
मैनें देखा है दर
पे माँगनें वालों को
मेरा ईश्वर देने
से इनकार नहीं करता
क्र.3 स्वागत नृत्य-
दोस्तों, जैसे कोई बाग बिना बागवां के अर्थहीन होता है,
जैसे कोई शरीर बिना आत्मा के प्राणहीन होता है,
वैसे ही एक उत्सव, गुणीजनों, समाज के वरिष्ठ
जन एवं महान सख्सियतों के प्रेरणादायी सानिध्य के बिना निष्प्राण हो जाता है। बहुत
ही प्रसन्नता से मैं बताना चाहता हॅूं कि हमारे बीच में आज ऐसे विराट व्यक्तित्व
मौजूद हैं जिन्होंने अपनी अभिनव सोच, अपने कुशल नेतृत्व एवं रचनात्मक पहल से अपने शहर ही नहीं, अपने प्रदेश ही नहीं बल्कि देश और दुनिया को
ऋणी कर दिया। इन विशिष्ट जनों के गरिमामयी सानिघ्य से यह प्रेक्षागृह ऊर्जामयी हो
गया है, आनंदमयी हो गया है। मैं
सब विभूतियों का तहे दिल से स्वागत करता हॅूं, वंदन करता हॅूं, अभिनंदन करता हॅूं।
मित्रों, हमारा यह क्रम हमारे गणमान्य अतिथियों के
स्वागत का है, मैं हमारी स्वागत
नृत्य की प्रतिभागी नंदिनी को मंच पर स्वागत नृत्य के लिए आमंत्रित करता हॅूं।
बहुत ही शानदार
प्रस्तुति, नंदिनी के लिए एक बार
जोरदार तालियां बजा दीजिए ।
दोस्तो आप सब
लोगों से अनुरोध है कि यह तालियों की गड़गड़ाहट का सिलसिला टूटना नहीं चाहिये। हमारे
ग्रुप के प्रतिभागियों ने अथक परिश्रम करके महज 10 दिनों में इस भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम की अद्भुत तैयारी
की है । हमारे प्रतिभागी कोई पेशेवर कलाकार नहीं है ये तो हमारे ही मध्य के हमारे
ही ग्रुप के परिवारों का हिस्सा हैं। केवल और केवल आपकी तालियों की गड़गड़ाहट ही
उनका अवार्ड है जो कि उनका मनोबल बनाये रखेगी।
खुशियों पर मौज
की रवानी रहेगी
जिंदगी में कोई न
कोई कहानी रहेगी
हम यूं ही
कार्यक्रम में चार चांद लगाते रहेंगे
अगर आपकी तालियों
की मेहरबानी रहेगी।
तो एक बार जोरदार
तालियॉं बजा दें हमारे प्रतिभागियों के लिए
क्रम-4 अतिथि मंच आमंत्रण
दोस्तों, किसी भी शुभ आयोजन में मंगलाचरण के पवित्र
उच्चारण के बाद मंगल ज्योति प्रज्जवलित करने का सुनिश्चत क्रम होता है। हम दीप
प्रज्जवलन इसलिए करते हैं की हमारे अंतर के कलुष, वातावरण की नकारात्मकता, शंकाओं एवं संदेहों का अंधकार समाप्त हो जाये। कार्यक्रम का
यह क्रम दीप प्रज्जवलन का है मैं दीप प्रज्जवलन के लिए अपने अतिथियों को मंच पर
आमंत्रित करना चाहॅूंगा । और आज बहुत ही प्रसन्नता वाली बात है कि हमारे मध्य
हमारे मुख्य अतिथि………………………………. के प्रबंध निदेशक
माननीय श्री………………. मौजूद हैं मैं दो
पंक्तियाँ मुख्य अतिथि जी के शानदार व्यक्तित्व को अर्पित करते हुये उन्हें दीप
प्रज्जवलन के लिए मंच पर आमंत्रित करना चाहता हॅूं कि –
इत्र से कपड़ो को
तो सभी महका लेते हैं
आपके तो किरदार
से भी खुष्बू आती है।।
जोरदार तालियों
के साथ हमारे मुख्य अतिथि का स्वागत करेंगे।
मैं ………………………………………………………..से अनुरोध करूंगा कि हमारे मुख्य अतिथि जी को मंच
तक लेकर आयें।
अब मैं जिस बड़ी
हस्ती को आमंत्रण देना चाहता हॅूं उनके बारे में कुछ ज्यादा न बोलते हुए में यह
चार पंक्तियों उनके विराट व्यक्तित्व को समर्पित करना चाहता हॅूं मुझे पूर्ण
विश्वाश है आप सब उस खास हस्ती के बारे में समझ जायेंगे कि –
ये हुनर ये रहनुमाई,
ये सादगी की कैफियत नहीं देखी
किरदार तो बहुत
देखे हैं जमाने में मगर आप जैसी शख्सियत नहीं देखी
जी हाँ दोस्तो
सही पहचाना, हमारे हरदिल अजीज,
हमारी खास डिगनिटी आज के विशिष्ट अतिथि श्री………………………………
हमारे मध्य हैं कृपया उनका जोरदार तालियों के
साथ स्वागत करें।
मैं हमारे ग्रुप
के ……………………………………………….. से अनुरोध करूंगा
की माननीय………………जी को दीप
प्रज्जवलन के लिए मंच पर लेकर आयें।
दोस्तों अब मैं
आज के कार्यक्रम के अध्यक्ष को दीप प्रज्जवलन के लिए मंच पर आमंत्रित करना चाहता
हॅूं। मित्रों हमारे कार्यक्रम अध्यक्ष एक ऐसे विराट व्यक्तित्व के धनी ऐसी शानदार
शख्शियत जिन्होंने हमारे समाज को, हमारे शहर को
हमारे प्रदेश को एक सकारात्मक दिशा दी है। यह दो पंक्तियॉं उनको समर्पित करते हुए
दीप प्रज्जवलन के लिए मंच पर आमंत्रित करना चाहता हूँ…..
कुछ चेहरे यूं ही
नहीं मुस्कुराया करते
रंग बसंती वो यूं
ही नहीं उड़ाया करते ।
बड़ी जिम्मेदारी
है सारा जहाँ महकाना
कुछ फूल दुनिया
में यूँ ही नहीं आया करते ।
जी हाँ दोस्तो
सही पहचाना, वह खास
व्यक्तित्व, वह बड़ी शख्शियत
हमारे ही बीच के हमारे ही शहर के विराट व्यक्तित्व………………. जी हैं जो की ……………………..हैं। जोरदार तालियों के साथ उनका स्वागत करेंगे, अभिनंदन करेंगे ।
मैं……………………………………………………….
से अनुरोध करता हॅूं कि………………… को मंच तक लेकर आयें।
क्रम-5 दीप प्रज्जवलन
दोस्तो दीप
प्रज्जवलन का शुभ मुहूर्त आ गया है। हमारी गणमान्य हस्तियां मंच पर आ गई है मैं इन
चंद पंक्तियों के माध्यम से अपने ग्रुप के पदाधिकारियों से अनुरोध करता हॅूं कि वो
हमारी डिगनिटीस् से दीप प्रज्जवलन की पंरपरा का शुभारंभ करें ।
निगाहों में
मंजिल थी गिरे और गिरकर संभलते रहे
हवाओं ने बहुत
कोशिश की मगर चिराग आंधियों में भी जलते रहे
क्रम-6 अतिथि स्वागत
मित्रों शुभ
ज्योति के ओजमयी प्रज्जवलन के बाद हमारे कार्यक्रम का क्रम अतिथि स्वागत की ओर
जाता है। मैं इन पंक्तियों के माध्यम से इस अतिथि स्वागत के क्रम को आरंभ करना
चाहूंगा….
यह बड़ी सोच यह
दूर दृष्टि यह ऊर्जा हमें भी मिल जाये
तो हम सब के जीवन
में भी आशा की कौंपल खिल जाये।।
कृत उपकृत मन के
भाव सुमन हम सादर अर्पित करते हैं
श्रीमान् पधारे
आप यहाँ हम सब मिल स्वागत करते हैं ।।
मैं संस्था के
अध्यक्ष उपाध्यक्ष एवं सचिव जी से अनुरोध करता हूँ की वो मंच पर आकर क्रमशःमुख्य
अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं आज के
कार्यक्रम अध्यक्ष जी का स्वागत करें.
दोस्तों इस भव्य
एवं गरिमामयी अतिथि स्वागत कार्यक्रम के लिए एक बार जोरदार तालियॉं बजा दीजिए ।
क्रम-7 अध्यक्षीय उद्बोधन-
कार्यक्रम का यह
क्रम अध्यक्षीय उद्बोधन का है मैं हमारी संस्था के अध्यक्ष माननीय श्री………..
से अनुरोध करता हॅूं कि वो मंच पर आयें और चंद
उद्गार व्यक्त करें।
जी हॉं दोस्तों
हमारे सौम्य, सरल, सहज एवं नेतृत्व कुशल अध्यक्ष जी को इन
पंक्तियों के माध्यम से उद्बोधन के लिए बुलाना चाहूंगा।
छू ले आसमां जमी
की तलाश मत कर
मजा ले जिंदगी का
खुशियों की तलाश मत कर
गमों से दूर होकर
तेरी तकदीर बदल जायेगी
मुस्कुराना सीख
ले उसकी वजह न तलाश कर
एक बार जोरदार
तालियॉं हमारे अध्यक्ष जी के लिए ।
क्रम-8 सांस्कृतिक कार्यक्रम- (प्रार्थना इतनी शक्ति
हमें देना)
दोस्तो गॉड,
भगवान, अल्लाह, महावीर इन्हें हम
किसी भी नाम से बुलायें लेकिन एक परम शक्ति अवश्य होती है जिसे हम ‘‘सबका मालिक एक है’’ कहते हैं। एक तड़प,
एक गहरी चाहत, असीमित प्यार और पूर्ण सुरक्षा इन सब भावनाओं का रूप ही तो
ईश्वर होता है।
आईये आज हम इस
प्रार्थना के माध्यम से उनसे सम्बाद करें, खोज करें और आह्वान करें जो हर पल हमारे साथ रहता है।
इस अलौकिक
प्रार्थना क्रम को आरंभ करने के लिए मैं इसके प्रतिभागियों को मंच पर आमंत्रित
करता हॅूं –
1…….. 2……….. 3…………..
दोस्तो, जोरदार तालियां हमारे ईश्वर के लिये और इस
शानदार प्रस्तुति के लिये…
कौन कहता है कि
मेरा ईश्वर प्यार नहीं करता
प्यार तो करता है
मगर प्यार का इजहार नहीं करता
मैंने देखा है दर
पर मांगने वालों को
मेरा महावीर देने
से इंकार नहीं करता
क्रम-9 सोलो कार्यक्रम-
दोस्तो आपको क्या
जानकारी है कि हमारे शहर में बल्कि हमारे ही ग्रुप में ही एक ऐसा नन्हा संगीत
कलाकार है जिसकी नन्ही उंगलियाँ जब आर्गन पर थिरकती हैं तो सारा आलम मदहोश हो जाता
है।
अब आप कहेंगे की
क्या बात कर रहे हैं मैंने तो सरप्राईज ददेने शुरू कर दिये हैं क्या बाकई ऐसा कोई
मास्टर कलाकार हमारे ग्रुप में है
बिल्कुल भैया अब
मैं आपको ही नहीं पूरे गु्रप को उस नन्हे कलाकार से रूबरू कराने जा रहा हूँ। तो
दोस्तों हमारा अगला सांस्कृतिक कार्यकम है आर्गन प्लेइंग प्रस्तुति और इसे लेकर आ
रहे हैं हमारे नन्हे मास्टर…………… तालियों के साथ
हमारे कलाकर ……….का स्वागत
करेंगे।
दोस्तो मास्टर…………की नन्ही नन्ही उंगलियों का जादू देखकर मुझे एक
शेर याद आ रहा हे कि
बच्चों के नन्हे
हाथों को चांद सितारे छूने दो
चार किताबें पढ़कर
ये भी हम जैसे हो जायेंगे
जोरदार तालियॉं
मास्टर अविरल के लिए
क्रम-10 उद्बोधन
दोस्तो अब जैसा
कि क्रम है हमारे विशिष्ट अतिथि श्री……………. को मंच पर आमंत्रित करना चाहता हॅूं कि वो आयें और अपनी
ओजमयी वाणी से कुछ उद्गार व्यक्त करके हमारे ग्रुप का पथ प्रदर्शित करें।
एक बार जोरदार
कर्तल ध्वनि से हमारे माननीय विशिष्ट अतिथि जी का अभिनंदन करेंगे। बहुत बहुत
धन्यवाद।
क्रम-11.अब जो प्रस्तुति मैं आपके सामने लेकर आ रहा
हॅूं वह एक देशभक्ति से ओतप्रोत नृत्य प्रस्तुति है जो कि हमारे नन्हे मुन्हे
बच्चों ने अथक परिश्रम करके तैयार की है
मैं इन पंक्तियों के माध्यम से अपने नन्हे कलाकारों को मंच पर आमंत्रित करता हूँ…..
ये बात हवाओं
को बताये रखना
रोशनी होगी
चिरागों को जलाये रखना
लहू देकर
जिन्होंने तिरंगे की हिफाजत की
ऐसे तिरंगे को
दिल में बसाये रखना।
मैं इस प्रस्तुति
के कलाकार मंच पर आ जायें..
1………..2……………3……………..4……………
जोरदार तालियॉं
देशभक्ति से ओतप्रोत इस शानदार प्रस्तुति के लिए । कितना शानदार संदेश इस
प्रस्तुति से ये बच्चे हमें दे गये हैं कि..
मुझे न तन चाहिये,
न ही धन चाहिये
बस अमन से भरा यह
वतन चाहिये
जब तक जिंदा रहूं
इस मातृ भूमि के लिए
और जब मरूं तो
तिरंगा ही कफन चाहिए
क्रम 12- सोलो डांस
तो मित्रो अब आगे
‘काय झाला’
‘ओ हो तोला माहिते
का’
ये मेरी भाषा को
क्या हो गया है मेरे मुॅह से मराठी क्यों निकल रही है
ओहो मित्रो शायद
इसलिए कि अब हमारा अगला कार्यक्रम जो है वो मराठी नृत्य है ‘अप्सरा पिंगा’ और जिसे लेकर आ रहे हैं हमारे नन्हे कलाकार…………….तो जोरदार तालियॉें स्वागत करेंगे……..का
बहुत शानदार
प्रस्तुति थी इस नन्ही परी नें तो पूरे महाराष्ट्रा की यात्रा करा दी। मैं तो….
जब भी इन प्यारे
बच्चों को देखता हूं तो सोचता हॅूं
मालिक इन फूलों
को बड़ी उम्र दराज करे
क्रम-13 सांस्कृतिक कार्यक्रम गु्रप डांस ‘‘बाहुबली’’
अब हमारा अगला
कार्यक्रम एक ऐसा कार्यक्रम है जिसको देखकर हमारे ग्रुप के पुरूषों की बाजुओं की मसल्स फड़फड़ाने लगेंगी
जी हाँ दोस्तों यह कार्यक्रम वीर योद्धाओं के जौहर को दिखाने वाला है इन पंक्तियों
के माध्यम से अपने सभी प्रतिभागियों को मंच पर बुलाना चाहता हॅूं कि..
लड़ते हैं सहसवार
ही मैदाने जंग मैं
वो तिल्फ क्या
लड़े जो घुटनों के बल चलें।
प्रतिभागी मंच पर
आ जायें..
1……………………………….
2………………
3………………………………..
4………………
वाह क्या जोशीली
प्रस्तुति थी, नीरज जी जो कि
हमारे इस सांस्कृतिक प्रोग्राम के शिल्पी है उनको बहुत बहुत शुभकामनायें उनका जीवन
बहुत उज्जवल हो । एक बार जोरदार तालियां इस शानदार प्रस्तुति के लिए ।
क्रम-14 सोलो डांस
तो दोस्तो,
अभी हमने आपको महाराष्ट्र की यात्रा कराई है अब
क्यों न आपको एक ओर सरप्राइज दे दिया जाये और कच्छ गुजरात की यात्रा कराकर वहाँ के
अलबेले कल्चर से परिचय कराती हुई एक प्रस्तुति दिखा दी जाये।
अब आप कहेंगे कि
क्या बात है, क्या बात है लगता
है आज तो यहाँ पर सरप्राइज की बौछारें होने वाली हैं।
जी हॉं अब मैं
मंच पर एक ऐसी नन्ही कलाकार को बुलाना चाहता हॅूं जो नगाड़े संग ढोल बाजे एकल नृत्य
लेकर आ रही है मैं इस नृत्य की प्रतिभागी……………. को मंच पर आमंत्रित करता हॅूं कि वो आयें और प्रस्तुती दें
बहुत ही शानदार
प्रस्तुति। एक बार जोरदार तालियां इस शानदार प्रस्तुति के लिए एक बार जोरदार
तालियां इस शानदार कलाकार के लिए बल्कि मैं तो एक बार जोरदार तालियां इसके शानदार
पैंरेट्स के लिए भी बजबाना चाहॅूंगा ।
कुछ पंक्तियॉं
याद आ गई है इन बच्चों का शानदार बचपन देखकर..
ये दौलत भी ले लो,
ये सौहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझसे
मेरी जवानी,
मगर मुझको लौटा
तो बचपन का सावन
वो कागज की कश्ती
वो बारिश का पानी
क्रम-15 विशेष सम्मान-( श्री………………….द्वारा)
दोस्तों सदा ही
इस धरा पे प्रत्येक काल में प्रत्येक संस्कृति में ईश्वर के ऐसे फरिश्ते होते आये
हैं जिनके अभिनव एवं रचनात्मक कार्यों से समाज को एवं सस्कृति को सदा ही दिशा और
दशा मिलती आई है। ऐसे ही चंद फरिश्तों का हम आज अभिनंदन करना चाहते हैं और इस
अभिनंदन क्रम के सूत्रधार हमारे ग्रुप के उपाध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार श्री………………जी को मैं मंच पर बुलाना चाहता हॅूं कि वो आयें
और इस अभिनंदन चरण को संचालित करें ।
क्रम-16 उद्बोधन –
जोरदार तालियॉं
हमारे इन समाज सेवियों के लिए।
सोशल ग्रुप
जबलपुर नगर आपका अभिनंदन करके गौरवान्वित हो गया है । धन्यवाद।
दोस्तों अब
कार्यक्रम का हमारा जो क्रम है वो हमारे गणमान्य मुख्य अतिथि माननीय………………..जी के उद्बोधन का है । मैं आज के माननीय मुख्य
अतिथि जी से अनुरोध करूंगा कि वो मंच पर आयें और अपने उद्गार व्यक्त करके हमें
अनुग्रहित करें।
क्रम-17 सांस्कृतिक कार्यक्रम (गु्रप डांस हरियाणिवी
शैली)
तो मित्रो,
कार्यक्रम को अगले क्रम पर ले जाते हैं और आपको
पुनः सरप्राइज देते हुए हरियाणा की यात्रा पर ले जाते हैं ।
अब तो आप कहेंगे
की हम हैरान होते होते हैरान हो गये हैं, ऐसा ना हो जाये कि आप सब को पूरे देश की यात्रा करा दूँ।
जी बिल्कुल इरादे
तो कुछ ऐसे ही है और इस प्रस्तुति में सबसे बड़ा जो सरप्राइज है वह यह है कि यह
प्रस्तुति हमारे ग्रुप की सुपर मॉम के द्वारा दी जायेगी। तो आप सब लोग इस शानदार
प्रस्तुति के लिए तैयार हो जाईये मेरा दावा है कि इन सुपर मॉम्स की अद्भुत
प्रस्तुति देखकर आप सबको हैरान रह जाना पड़ेगा।
तो जैसे कि मेरे
पास जानकारी है मैं इस ग्रुप डांस के लिए इसके प्रतिभागियों को मंच पर आमंत्रित
करता हॅूं।
1. श्रीमती………………………..
2. श्रीमती…….
3. श्रीमती……………………. 4. श्रीमती…..
5. श्रीमती……………………. 6. श्रीमती…….
बहुत ही शानदार
प्रस्तुती। एक बार जोरदार तालियां हमारी सुपर मॉम्स के लिए और उनकी प्रस्तुति ‘‘काल्यो कूद पड़ियो मेले में ’’ के लिये।
क्रम-18 सोलो डांस- भारत माता वंदना
अब मैं जैसा कि
कार्यक्रम का क्रम है एक सोलो डांस की प्रस्तुति आपके सामने लेकर आ रहा हूँ जिसकी
थीम भारत माता की वंदना है मैं इन पंक्तियों के माध्यम से अपनी कलाकार…………को मंच पर आमंत्रित करना चाहता हूँ कि…..
ए मेरे प्यारे
वतन ए मेरे महके चमन तुझ पे दिल कुर्बान..
बहुत ही शानदार
प्रस्तुति बेवी……………के द्वारा । एक
बार जोरदार तालियॉं इस शानदार प्रस्तुति के लिए।
क्रम- 19 सांस्कृतिक कार्यक्रम (ग्रुप डांस)- टेन्गों साल्सा ब्रॉडवे स्टाइल
अभी आप लोगों ने
हमारे देश प्रदेश की यात्रा की है वहाँ की संस्कृति देखी है, वहाँ के नृत्य देखे हैं अब मैं चाहत हूँ कि
थोड़ा सा ट्रेक बदला जाये और क्यों न वेस्टर्न कल्चर की एक प्रस्तुति आप सबके सामने
लाई जाये ।
जी हाँ आपने ठीक
कहा कि ये तो बड़ा ही नेक ख्याल है तो अब मैं हमारे नन्हे मुन्ने बच्चों द्वारा
तैयार एक शानदार प्रस्तुति टेन्गो साल्सा ब्राडवे स्टाइल आपके सामने ला रहा हूँ और
आप यकीन मानिये ऐसी प्रस्तुति आज से पहले आप लोगों ने नहीं देखी होगी।
तो चलिये देख
लेते हैं कि यह वेस्टर्न ग्रुप डांस की प्रस्तुति मैं इसके प्रतिभागियों को मंच
बुलाना चाहता हॅूं..
1…………….. 2……….. 3……….. 4………..
वो आयें और अपनी
प्रस्तुति दें।
दोस्तो जोरदार
तालियां इस अद्भुत शानदार जानदार ऊर्जा से भरी हुई प्रस्तुति के लिए ।
क्रम -20 सोलो डांस
अब मैं एक ओर एक
नृत्य आपके सामने लाने वाला हूँ जिसे लेकर आ रहे हैं मास्टर……….जिनकी थीम है दिलरूवा और मैं आपको यकीन दिलाता
हूँ कि इस डांस में आपको ऐसे डांस स्टेप देखने को मिलेंगे जो कि मझे हुए प्रोफेशनल
कलाकार ही कर पाते हैं । तो मैं मंच पर बुलाना चाहूंगा……….को उनकी प्रस्तुति के लिए।
बहुत ही शानदार,
अद्भुत, नायाब प्रस्तुति
दोस्तों तालियों
की गड़गड़ाहट कुछ कम पड़ रही है आपकी तालियॉं ही इन बच्चों का हौंसला है एक बार
जोरदार तालियां पुनः इस शानदार प्रस्तुति के लिए
क्रम-21 सोलो सिंगिग
दोस्तो मुझे ऐसा
लगता है कि डांस की इन शानदार प्रस्तुतियों के बाद कोई सुरीली आवाज के द्वारा कोई
मधुर गीत सुनने को मिल जाता तो आनंद ही आ जाता ।
आप कहेंगे कि
क्यों तो मित्रो शायद आपको जानकारी नहीं होगी कि हमारे ग्रुप में एक शानदार सिंगर
भी हैं और आज मैं मैं आपका उस सुरीली सिंगर से परिचय करा देता हॅूं और उस सिंगर का
नाम है………………मैं……….. को मंच पर उनकी प्रस्तुति के लिए आमंत्रित करता
हॅूं ।
वाक़ई में ये तो
बहुत ही शानदार प्रस्तुति थी बहुत अरसे के बाद ऐसी शानदार आवाज सुनी है मजा आ गया
। एक बार जोरदार तालियाँ……… की इस शानदार
प्रस्तुति के लिए।
दोस्तो क्षमा
करना इतनी बढ़िया सिंगिंग सुनकर मुझे भी थोड़ा जोश आ गया है अगर आपकी इजाजत हो तो
चार लाइनें मैं भी गुनगुना लॅूं ।
क्रम -22 सांस्कृतिक कार्यक्रम (नाटक भटकाव)
अब मैं कार्यक्रम
का पूरा रूख बदलते हुए एक ऐसे मार्मिक नाटक की प्रस्तुति आपके सामने ला रही हॅूं
जिसको देखकर आपको, हमें और सारे
समाज को एक बहुत ही संवेदनशील संदेश मिलेगा तो मैं प्ले भटकाव की टीम से आग्रह
करना चाहता हूँ कि वो अपनी प्रस्तुत मंच पर लेकर आयें।
बहुत ही शानदार
प्रस्तुति, बहुत ही मार्मिक संदेश इस
नाटक से हमें मिलता है । जोरदार तालियॉं हमारे नाटक के कलाकारों के लिए मैं इसके
प्रतिभागियों से आपका परिचय करा दूं..
1………………..
2………………..
3………………..
4………………..
5…………………
6…………………
7…………………
एक बार जोरदार
तालियां हमारे इन शानदार कलाकारों के लिए।
क्रम-23 डाक्टर्स का सम्मान
बहुत बहुत
धन्यवाद दोस्तों कार्यक्रम का अगला क्रम हमारे बीच के हमारी समाज के , हमारे शहर के ऐेसे देवदूतों का सम्मान का है जो
कि डाक्टर के रूप में हमारे समाज में हमें जीवन देने के लिए सदा ही तन मन से
उपलब्ध रहते हैं । निश्चित ही इनके अमूल्य जीवनदायिनी योगदान को समाज कभी भुला
नहीं सकता । कभी यह ऋण चुका नहीं सकता ।
मैं इस सम्मान के
क्रम के लिए हमारे आदरणीय…………….जी
को मंच पर
आमंत्रित करना चाहता हॅूं कि वो आयें और इस अति महत्वपूर्ण सम्मान के क्रम को
संचालित करें ।
जोरदार तालियां
एक बार हमारे बड़े भाई…………. के लिए ।
क्रम -24 उद्बोधन कार्यक्रम अध्यक्ष
क्रम-25 (मोबाइल के साइड इफेक्ट) गु्रप डांस माइन
दोस्तो आज का युग
गेजेट्स का युग है। आज के ये गैजेट्स ये मोबाइल हमारे फोकस को डायवर्ट कर देते हैं
हमें भटका देते हैं। हमारी अगली प्रस्तुति भी इसी बारे में है कि आज हमें इन
गैजेट्स एवं मोबाइल से क्या हानि है एवं समाज पर इनके क्या दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं।
तो दोस्तों आइये
इस ग्रुप डांस के लिए इसके प्रतिभागियों को मंच पर आमंत्रित करते हैं…
1…………….
2…………… 3.,…………
बहुत बहुत शानदार
प्रस्तुति, एक बार जोरदार तालियॉं इस
शानदार प्रस्तुति के लिए। आज हमें निश्चित रूप से एक मैसेज मिला है कि हमें इन
गैजेट्स का ज्यादा उपयोग न करते हुए अति आवश्यक उपयोग ही करना चाहिए ।
क्रम-26 समापन सांस्कृतिक कार्यक्रम-
दोस्तों हमारी
अंतिम प्रस्तुति का समय हो गया है, इस प्रस्तुति में
हमारे नन्हे मुन्हे कलाकार डांस करते हुए आपको कुछ हैरतअंगेज करतब दिखायेंगे तो में इस नृत्य कलाकारों को स्टेज पर आमंत्रित
करता हूँ कि वो आयें और अपनी प्रस्तुति दें।
बहुत शानदार
प्रस्तुति आज के नन्हे बच्चे जो न कमाल कर जायें वो कम है मैं चाहता हॅूं कि एक
बार जोरदार तालियां हमारे इन नन्हें कलाकारों के लिए बजा दें
क्रम-27 आभार प्रदर्शन सचिव द्वारा
दोस्तो इतना बड़ा
आयोजन बिना अथक मेहनत के सम्पन्न नहीं होता निश्चित रूप से जिदगी थोड़ी सी अस्त
व्यस्त हो जाती है । इतना बड़ा भव्य कार्यक्रम एवम इसकी विराट सफलता का श्रेय आप
सभी को जाता है। कार्यक्रम का यह क्रम आभार प्रदर्शन का क्रम है।
मैं हमारे सचिव
श्री………………….जी से अनुरोध
करता हॅूं कि वो आयें और आभार प्रदर्शन का यह क्रम पूर्ण करें।
क्रम-28 पुरूस्कार वितरण
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संचालक- श्री
अमित मौलिक
कोरियोग्राफर -……..
कलाकार-
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क्रम-29 मस्ती एवं धमाल
चलो चलते रहो पहचान रुकने से नही बनती,
बहे दरिया तो पानी पत्थरों पर नाम लिखता है।
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जिंदगी रौशनी से भर जाए।
बारिशें हों वहाँ पे खुशियों की,
जिस तरफ आपकी नज़र जाए।
उसने किया तो कुछ अच्छा किया होगा,
वो डरता बहुत है, खामियां हो न जाएँ कहीं..
चलो चलते रहो पहचान रुकने से नही बनती,
बहे दरिया तो पानी पत्थरों पर नाम लिखता है।
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बंद पलकें ना
खुलें लब ना हिलें बात ना हो,
इससे अच्छा है,
कभी कोई मुलाकात ना हो।
और बेगाना कोई
अपना बना कर चला गया।
सँवर रहा है
वज़ूद मेरा, बदल रहा है मिजाज़ मेरा,
है मेरे दिल पर
मेरी हुक़ूमत, है मेरी मर्जी पे राज़ मेरा।
बड़ी छोटी
गुज़ारिश है महोदय।
फक़त रोटी की
ख्वाहिश है महोदय
समुंदर, ताल नदियाँ आप रख लो,
हमारे पास बारिश है महोदय।
खुद से भी मिल ना
सको, इतने पास मत होना,
इश्क़ तो करना
मगर देवदास मत होना,
देखना, चाहना, माँगना या खो देना,
ये सारे खेल हैं
इनमें उदास मत होना।
बस्ती बस्ती घोर
उदासी, पर्वत पर्वत खाली पन,
मन हीरा बेमोल
बिक गया, घिस घिस रीता तन चंदन,
इस धरती से उस
अंबर तक दो ही बात गज़ब की है,
एक तो तेरा भोला
पन है, एक मेरा दीवानापन।
सब अपने दिल के
राजा हैं, सबकी कोई कहानी है,
भले प्रकाशित हो
ना हो पर, सबकी प्रेम कहानी है,
बहुत सरल है पता
लगाना, किसने कितना दर्द सहा,
जिसकी जितनी आँख
हँसे है, उतनी पीर पुरानी है।
मै भाव सूची उन
भावों की, जो बिके सदा ही बिन तोले,
तन्हाई हूँ हर उस
खत की, जो पढ़ा गया है बिन बोले
हर आँसू को हर
पत्थर तक, पहुँचाने की लाचार हूक,
मैं सहज अर्थ उन
शब्दों का जो सुने गये हैं बिन बोले।
जो कभी नही बरसा
खुल कर हर उस बादल का पानी,
लवकुश की पीर
बिना बाँची, सीता की राम कहानी हूँ।
जिनके सपनो के
ताजमहल, बनने के पहले टूट गये,
जिन हाथों में दो
हाथ कभी आने के पहले टूट गये,
धरती पर उनके
खोने और पाने की अजब कहानी है,
किस्मत की देवी
मान गये, पर प्रणय देवता रूठ गये,
मैं मैली चादर
वाले उस कबिरा की अमृतवाणी हूँ
कुछ कहते हैं मैं
तीखा हूँ, अपने ज़ख्मो को खुद पीकर,
कुछ कहते हैं मैं
हँसता हूँ अंदर अंदर आँसू पीकर
कुछ कहते हैं मैं
हूँ विरोध से उपजी एक खुद्दार विजय,
कुछ कहते हैं मै
रचता हूँ खुद में मर कर खुद में जी कर
लेकिन मैं हर
चतुराई की सोची समझी नादानी हूँ।
क्या कहूँ
कंचन...मन के भाव शब्द में ढल नहीं पा रहे...
ढल सकते भी नहीं
क्यूँ की शब्दों की अपनी एक सीमा होती है...
'' एक तिनका हकीर हूँ लेकिन,
मैं हवाओं का रुख बताता हूँ ! '
सब अपना ही सच
कहते हैं, कहना भी चाहिए, मैंने अपना कहा और आपने
अपना !
आपकी व्यक्तिगत
इमानदारी , निष्ठा , श्रम , स्मरण-शक्ति सबको मेरा नमन !
अच्छी रिपोर्टिंग.. अच्छा
संयोजन.. रिपोर्टिंग जिसमें कोई अखबारी रिपोर्टिंग नहीं बल्कि आत्मीयता भी है.. यह
आत्मीयता सम्माननीय है !.. छोटी जगह पर साहित्यिक हलचल होना अपने आपमें काबिले तारीफ
है
आरजू चाँद सी निखर जाए।जिंदगी रौशनी से भर जाए।
बारिशें हों वहाँ पे खुशियों की,
जिस तरफ आपकी नज़र जाए।
उसने किया तो कुछ अच्छा किया होगा,
वो डरता बहुत है, खामियां हो न जाएँ कहीं..
महोदय, मैं आपको सूचित करना चाहता हूँ कि यह आर्टिकल (आरंभ से क्रम 1 से क्रम 29 मस्ती एवम धमाल तक)मेरे ब्लॉग https://udtibaat.com का है जिसे आपने अनधिकृत रूप से हूबहू अक्षरसः कॉपी कर के प्रसारित किया है जो कि The Copyright Act 1957 (as amended by the Copyright Amendment Act 2012) governs the subject of copyright law in India.[1] The Act is applicable from 21 January 1958.[2) के तहत आपराधिक कृत्य है। जिसके लिये The criminal remedies are provided under Chapter XIII of the statute and the remedies provided against copyright infringement include imprisonment (up to 3 years) along with a fine (up to 200,000 Rupees).[33] के रूप में आप पर प्रकरण दर्ज किया जा सकता है अगर आप इसे तात्कालिक प्रभाव से नहीं हटाते हैं तो। इसके अतिरिक्त आपका ब्लॉग भी प्रतिबंधित हो सकता है।
ReplyDeleteआप इसे तुरंत डिलीट करें और मुझे इस बावत amitstg2003@gmail.com पर उत्तर देकर confirm करें। आपको आज से 3 दिन का समय इस बावत दिया जा रहा है। आप इसे वैधानिक नोटिस समझें।
अमित जैन 'मौलिक'
CEO
https://udtibaat.com
What about the notice ?
Deleteबहोत अच्छा content है। जो कि सभी के लिए फायदेमंद है । बहोत बहोत धन्यवाद
ReplyDeleteबहोत अच्छा http://post.org.in/
ReplyDeleteछत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए जारी http://post.org.in/%E0%A4%AC%E0%A5%80%E0%A4%9C%E0%A5%87%E0%A4%AA%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%AA%E0%A4%B9%E0%A4%B2%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%9A%E0%A5%80-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%8F%E0%A4%95/
ReplyDeleteबहुत बहुत बहुत अच्छा मंच संचालन का प्रारूप
ReplyDeleteबहुत शानदार
ReplyDeleteशानदार प्रारूप
ReplyDeleteआपका सहृदय धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत ही शानदार
ReplyDeleteBest
ReplyDeleteGood performance, for anchoring
ReplyDeleteकमाल का शानदार प्रारूप है सर जी , जितना भी आरिफ किया जाए कम है, मुझे आपके इस मंच संचालन प्रारूप से बहूत ज्यादा सीखने को मिला है,
ReplyDeleteमैं भी मंच संचालन में रुचि रखता हूं और मौका मिलता है तो संचालन भी करता हु।
Hindi day ka anchoring send kijye Sir
ReplyDeleteबहुत ही शानदार प्रारूप है वैसे भी अमित जी की सभी रचना बहुत अच्छी हम जैसे छोटे कलाकार को बहुत काम
ReplyDeleteआएगी ।अमित जी आपको बहुत बहुत धन्यवाद
अमितजी संस्था के सचिव और कोषाध्यक्ष के लिए कोई शायरी है तो भेजिए आपने इस प्रारूप में तो अध्यक्ष के लिये तो लिखा है धन्यवाद
ReplyDeleteअमित जी बहुत सुंदर स्क्रिप्ट हैं।लाजबाव।
ReplyDelete👌👌
ReplyDeleteशानदार
ReplyDeleteहमारे तरफ से आपको बहुत-बहुत-बहुत सुक्रिया
ReplyDeleteआपके कारण मैं एंकरिंग कर पाउंगा
Nyc sir.
ReplyDeleteशुभ दोपहर
ReplyDeleteमंच के वर्तमान सदस्यों में से कोई खेल सट्टेबाजी में रुचि रखता था?
मेरे स्मार्टफोन पर 1xBet एप्लिकेशन इंस्टॉल करने के बारे में एक सवाल था, लेकिन अभी तक मैंने इसे असफल रूप से हल कर लिया है
यह https://xbet-app-in.com/ संसाधन मिला, ऐसा लगता है कि सब कुछ शांत है और यहां सही ढंग से लिखा गया है, आपको क्या लगता है?
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ReplyDeleteTürkiye'nin En Çok Ziyaret Edilen Sitesi www.webgundemi.com adresine göz atmayı unutmayın. Hint haberleri sitemizde. Sizi Çok Seviyoruz...
ReplyDeleteBest
ReplyDeleteशानदार,जानदार प्रारूप मौलिक जी। निश्चय ही मुझे एक नई सीख मिली है। पेशे से मैं एक शिक्षक हूं और निरंतर सीखने की इच्छा रखता हूं। मंच संचालन की इस प्रारूप से मुझमें एक नई जान आई है। आपका बहुत बहुत शुक्र गुजार हूं।
ReplyDeleteधन्यवाद
मंच संचालन का सही मौलिकता को प्रस्तुत करने के लिए मौलिक जी के महानता को मन की गहराई से बहुत-बहुत वंदन और महाअभिनंदन।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया सर
ReplyDeleteमंच संचालन का बहुत ही शानदार और साफ एवं स्पष्ट प्रारूप तैयार कर हम सभी को कृतार्थ किया आपका बहुत-बहुत शुक्रिया
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर
ReplyDeleteमंच संचालन का बहुत ही सुंदर शानदार और साफ व स्पष्ट प्रारूप तैयार किया है। आज आपके इस लेख से हमे मंच संचालन करने के लिए तैयार एक उत्साह, आत्मविश्वास व्यक्त किया गया है।
ReplyDeleteBahut hi achhi or satal bhada me samaj me aa gaya bhaiya g
ReplyDeleteSaral bhasa me Samaj aa gaya he
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