Sunday, October 30, 2016

स्वागत और जन्मदिन गीत

जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें 
जन्मदिवस है आज आपका,करें बधाई को स्वीकार 
हमें मिठाई अभी चाहिये, ये तो अपना है अधिकार
जुग-जुग जीयें हमारे अग्रज, ईश्वर से करते मनुहार
सदा लुटाते रहें सभी पर,अपना निश्छल लाड़-दुलार ||    
पूछा उनसे  तो  बतलाया,उमर हुई अब तिरसठ साल   
किंतु अभी भी युवा हृदय से, देखो इनके रक्तिम गाल  
खेतों में  हैं फसल उगाते, कागज  पर लिखते  हैं गीत     
जन - सेवा भी  करते रहते, निभा रहे  जनता  से प्रीत ||
धीरज की  तो बात न पूछो, अपना नाम  करें साकार 
पल भर में अपना कर लेते, ऐसा इनका सद् व्यवहार 
यही कामना  हम करते हैं, आप सदा रहिये खुशहाल    
रहे सफलता कदम चूमती,तन मन धन से मालामाल ||
स्वागतम आपका कर रहा हर सुमन। 
आप आये यहाँ आपको शत नमन।। 

भक्त को मिल गये देव बिन जाप से, 
धन्य शिक्षा-सदन हो गया आपसे, 
आपके साथ आया सुगन्धित पवन। 
आप आये यहाँ आपको शत नमन।।

हमको सुर, तान, लय का नही ज्ञान है, 
गल्तियाँ हों क्षमा हम तो अज्ञान हैं, 
आपका आगमन, धन्य शुभ आगमन। 
आप आये यहाँ आपको शत नमन।। 

अपने आशीश से धन्य कर दो हमें, 
देश को दें दिशा ऐसा वर दो हमें, 
अपने कृत्यों से लायें, वतन में अमन। 
आप आये यहाँ आपको शत नमन।। 

दिल के तारों से गूँथे सुमन हार कुछ, 
मंजु-माला नही तुच्छ उपहार कुछ, 
आपको हैं समर्पित हमारे सुमन। 
आप आये यहाँ आपको शत नमन।। 

स्वागतम आपका कर रहा हर सुमन। 
आप आये यहाँ आपको शत नमन।। 
स्वागतम-स्वागतम, स्वागतम-स्वागतम!!

ममता का आधार न हो तो, प्यार अधूरा होता है।
निश्छल प्यार-दुलार बिना, परिवार अधूरा होता है।।

जिसके कारण चहक रही, घर में बच्चों की किलकारी,
नेह-नीर से सींच रही जो, नित्य-नियम से फुलवारी,
नारी के बिन तो सारा, घर-बार अधूरा होता है।।
निश्छल प्यार-दुलार बिना, परिवार अधूरा होता है।।

पत्नी-बहन और माता के, तुमने ही तो रूप धरे,
जगदम्बा बन कर तुमने, सबके खाली भण्डार भरे,
बिना धूप के सूरज का, आधार अधूरा होता है।
निश्छल प्यार-दुलार बिना, परिवार अधूरा होता है।।

जीवन में सुख देने वाला, तुम ही एक खिलौना हो,
खुली आँख से देखा जाने वाला, स्वप्न-सलोना हो.
बिना तुम्हारे कुदरत का, उपहार अधूरा होता है।
निश्छल प्यार-दुलार बिना, परिवार अधूरा होता है।।

No comments:

Post a Comment