Tuesday, October 25, 2016

प्रतिभा किसी पहचान की मोहताज नहीं होती

कहते हैं कि प्रतिभा किसी पहचान की मोहताज नहीं होती है. वह अपनी कदमों की आहट से अपने होने का एहसास करवा ही लेता है. बैलगाड़ी चलाने वाले की पोती और राजमिस्त्री की बेटी ने कुछ ऐसा कमाल कर दिखाया है, जिससे उसकी तारीफ पूरा देश कर रहा है. उसके नायाब आइडिया के दमपर देशभर के हजारों छात्रों को पीछे छोड़ते हुए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम इग्नाइट प्रतियोगिता में चयनित 32 बच्चों में मुन्नी अपना नाम जुड़वाने में सफल रही है. अब राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी सात नवंबर को दिल्ली में इसे सम्मानित करेंगे. इस बिटिया का नाम मुन्नी कुमारी है, जो फुलवारीशरीफ के फतेहपुर टोला में रहती है.

मुन्नी दलित परिवार की लड़की है. मुन्नी के दादा जीवनभर बैलगाड़ी चलाते रहे. पिता नरेंद्र राम राजमिस्त्री का काम करते हैं, मुन्नी अपने तीन भाई-बहनों में बड़ी है. ढिबरा के राजकीय मध्य विद्यालय में सातवीं कक्षा में पढ़ती है. मुन्नी कहती है कि मुझे गणित करने में अच्छी लगती है. नंबर भी बढ़िया मिलते है. उधर राष्ट्रपति की ओर से सम्मानित किए जाने की खबर आने के बाद फुलवारीशरीफ के फतेहपुर टोला स्थित मुन्नी के घर पर त्यौहार सा माहौल है. आस-पास के लोग मुन्नी को बधाई देने पहुंच रहे हैं.

मुन्नी ने अपने आइडिया के बारे में बताया...
एक दिन एक सर हमारे स्कूल में आए. आज से करीब छह महीने पहले. उन्होंने छठी से आठवीं तक के सारे बच्चों से कहा कि कुछ नया चीज बनाने का आइडिया लिखो. क्या नया बनाना चाहिए जिससे लोगों को सहुलियत हो. सारे बच्चे लिखने लगे. मैं भी सोचने लगी कि क्या बनाना चाहिए. मेरे मन में आया कि क्यों न एक ऐसा सिस्टम बन जाए जिससे कार के गेट में अंगुली दबने का खतरा खत्म हो जाए. क्योंकि एक बार एक कार के गेट में मेरी अंगुली दब गई थी.

मुन्नी अपनी मां के साथ.

फिर गेट खुलने और बंद होने पर रेड लाइट जलने वाला आइडिया मैंने लिख दिया. लिख कर मैंने कॉपी जमा कर दिया. बाहर से आए सर बच्चों की कॉपियां लेकर चले गए. हमलोग तो भूल ही गए थे. लेकिन जब मुझे इस बात का पता चला कि मेरा चयन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम इग्नाइट प्रतियोगिता में हो गया है और मुझे राष्ट्रपति से पुरस्कार मिलेगा तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

मुन्नी ने यह संदेश दिया कि हमेशा कुछ नया सोचिए, समाज के लिए सोचिए और नया कीजिए. देशभर के 55089 छात्रों का आइडिया दिल्ली पहुंचा था लेकिन उसमें सिर्फ 32 छात्रों के आइडिया को चुना गया. अब इस आइडिया का पेटेंट होगा. मुन्नी आगे चल कर इंजिनियर बनना चाहती है और देश का नाम रोशन करना चाहती है.

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